सांसारिक यात्रा के साथ मन की यात्रा भी जरूरी: गुरु शिवरामदास
आमला। सत्संग आयोजन में गुरु शिवरामदास ने दिया संदेश कलानौर (हरियाणा) से पधारे गुरु श्री शिवरामदास जी ने सत्संग आयोजन में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सांसारिक यात्रा के साथ मन की यात्रा भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मंजिल को पाना है तो चलना ही होगा और किसी के काम आना श्रेष्ठ ईश्वर भक्ति है।
सत्संग का हुआ आयोजन

यह सत्संग आयोजन सती भाई सांई दास सेवा दल, आमला के सेवादार हेमंत विक्की गुगनानी के निवास पर गुरुवार 27 मार्च की रात्रि आयोजित किया गया था। सत्संग के पूर्व गुरुजी ने सभी सेवादारों से उनके निवास पर जाकर उनसे और परिवार जनों से भेंट की।
गुरुजी ने दिया संदेश

गुरुजी ने कहा कि ईश्वर भक्ति भावपूर्ण होनी चाहिए, न कि कुछ मांगने के लिए। उन्होंने कहा कि सेवा को परम लक्ष्य बनाकर उस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने संस्कारों और संस्कृति को महत्व देने पर जोर दिया और कहा कि माता-पिता का सम्मान उच्च आदर्श है।
सत्संग में प्रस्तुत भजन

गुरु श्री शिवरामदास ने अपने मधुर स्वर में पंजाबी भजन “लोकाँ दे सहारे, बड़े होनगें, मेरा ता सहारा हिक तू” गाकर उपस्थित भक्तों की आंखें नम कर दीं। सत्संग आयोजन में उपस्थित लोग सत्संग आयोजन में समाज के कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे, जिनमें ओमप्रकाश गुगनानी, दाताराम गुगनानी, मदनलाल गुगनानी, कालीचरण गिरधर, किशोरीलाल अरोरा, सुभाष बत्रा, अनिल बत्रा, खेमचंद मदान, चरणजीत गुगनानी, विक्की गुगनानी, महेंद्र गुगनानी, डॉ शिशिर गुगनानी, अनिल बत्रा, शिवम बत्रा, नवीन गुगनानी, राजीव मदान, संजीव मदान, दीपक मदान, यश गुगनानी, अमित बत्रा, अंकित बत्रा, सक्षम मदान, तनय गुगनानी, मुदित गुगनानी, विदित गुगनानी, राजेश गुगनानी, दीपक गुगनानी, यथार्थ गुगनानी, समर्थ गुगनानी, आरव गुगनानी, प्रकाश छतवाणी, नरेश भावसार, निर्मल धनकानी, महेश गुजरे, संजय साहू, प्रदीप ठाकुर, मुकेश राठौर, बबलू मांनधाता और समाज की महिलाएं, बच्चे बड़ी संख्या में सम्मिलित थे।
Author: Ibn 24 Bharat
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