यात्रियों के दबाव के कारण हो सकता है बड़ा हादसा, रेलवे का ओवरब्रिज में जगह जगह लगा जंक रेलवे के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
पुराना फुटओवर ब्रिज हो रहा जर्जर, हादसे का डर
आमला. रेलवे स्टेशन का फुट ओवरब्रिज जर्जर होने लगा है। इससे फुट ओवरब्रिज पर चलने वाले यात्रियों को हमेशा ही हादसें का अंदेशा बना रहता है, फिर भी रेलवे इस फुट ओबरब्रिज का मेंटेनेंस नहीं करवा रहा है, जबकि इस ओवरब्रिज पर लगातार यात्रियों का दबाव बढ़ता जा रहा है। दरअसल आमला रेलवे स्टेशन के टिकिट घर से 1, 2, 3 और 4 नंबर प्लेटफार्म आने-जाने के लिए कई सालों पहले फुट ओवरब्रिज बनाया था, जो अब मेंटनेंस के अभाव में खराब होता जा रहा है। हालात यह है कि ओवरब्रिज के नीचे लगे लोहे के एंगल भी जंग खा रही है। ओवरब्रिज की दीवारों (पिल्लर) में दरारें नजर आ रही है। ओवरब्रिज का रंगरोगन भी पूरी तरह खराब हो गया है। ओवरब्रिज पर सेफ्टी के लिए लगाई गई जालियां भी जंग के कारण खराब हो रही है। ऐसे में लोगों का दबाव पडऩे के बाद फुट ओवरब्रिज टूट भी सकता है। यदि रेलवे समय रहते इसमें सुधार नहीं करता है तो निश्चित रुप से कोई बड़ी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन अधिकारियों द्वारा इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे रेल यात्रियों में रेलवे की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी बनी हुई है।
प्रतिदिन दो हजार से अधिक यात्री करते है सफर
आमला रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन दर्जनों ट्रेनों का स्टॉपेज है। इन ट्रेनों के माध्यम से 2 हजार से अधिक यात्री सफर करते है। यात्री प्लेटफार्म तक आने-जाने के लिए इसी फुट ओवरब्रिज का उपयोग करते है। ऐसे में ओवरब्रिज की खस्ताहालत से यात्रियों में भय बनने लगा है। रेलवे सहलाकर समिति के सदस्य राजेन्द्र उपाध्याय का आरोप है कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी समय-समय पर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया जाता है। स्थानीय अधिकारी भी रेलवे स्टेशन का भ्रमण कर व्यवस्थाएं देखते है, लेकिन ओवरब्रिज की खस्ताहालत की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है, जबकि ओवरब्रिज की दीवार पर पीपल का पौधा तक उग गया है। इसे भी नहीं हटाया गया। जिससे भविष्य में ओवरब्रिज की दीवार और ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाएगी।
लगभग 50 साल पुराना बताया जा रहा ओवरब्रिज
पुराना ओवरब्रिज लगभग 50 साल पुराना बताया जा रहा है। गंगाराम सूर्यवंशी उम्र 85, अशोक सोनपुर उम्र 72 वर्ष ने बताया फुट ओवर ब्रिज करीब 50 साल पहले बना था। जिसका पहले समय-समय पर मेंटनेंस कार्य किया जाता था, लेकिन अभी कुछ सालों से ओवरब्रिज का मेंटनेंस नहीं कराया गया है। जिसके वजह से ओवरब्रिज के नट-बोल्ट भी ढीले हो गए है। रंगरोगन भी पूरी तरह खराब हो गया है। सूत्रों की माने तो ओवरब्रिज का रंगरोगन हर पांच साल में एक बार होता था, लेकिन अभी इस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे लोहे के एंगल, जालियां धूप-बारिश के कारण जंग खा रही है। इधर अधिकारियों की माने तो ओवरब्रिज की ऐसी डिजाइन अब बनना बंद हो गई है। ओवरब्रिज का निरीक्षण के दौरान जो जरूरत पड़ती है, उतना मेंटनेंस कर दिया जाता है।
इनका कहना है………….
फुट ओवरब्रिज निर्माण कब हुआ था, इसके बारे में जानकारी नहीं है, यहीं लेख भी नहीं मिले है। लेकिन ऐसा अनुमान है कि जब आमला रेलवे स्टेशन बना होगा, तब ही फुट ओवरब्रिज बना होगा। करीब 50 साल के पहले बना होने की संभावना है।
– एके पाटिल, एडीईएन, आमला
रंगरोगन का काम पांच साल में होता है। जैसे-जैसे मेंटनेंस की जरूरत पड़ती है, हम कराते है। वैसे नया ओवरब्रिज बन गया है और दूसरा ओवरब्रिज का काम भी शुरू हो गया है। तीसरी लाइन में यह पुराना ओवरब्रिज टूटेगा। प्रक्रिया चल रही है।
–लक्ष्मण कुमार, जुनियर इंजीनियर, आईओडब्ल्यू, रेलवे आमला।
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Author: Ibn 24 Bharat
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