सील बंद लोफेफे कर रहे बड़े व्यापारियों का बेड़ापार खाद्य विभाग क्यों महरबान..????
आमला. आमला के उपनगरीय बोडखी में बड़े व्यापारी सील बंद लोफेफे में खाद्य सामग्रियों की पेकिंग कर रहे हैं, जिससे छोटे-छोटे नवनिहालों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह एक बड़ा सवाल है कि इसका जिम्मेदार कौन है? बड़े व्यापारी अपने स्वर्थ के लिए छोटे-छोटे नवनिहालों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वही दूसरी ओर जिम्मेदार विभाग आँखे मूंद कर सब देख रहा है। खुला पास्ता,कुरकुरे, नमकीन,सोनप्पड़ी हाट बाजारों में खुले में बिकती है वही मार्केट में भी बिना जाच के खाद्य सामग्री बेची जा रही है साथ ही इन सामग्रियों को लाने वाली गाड़ियों की जांच कभी नही होती है। पास्ता ओर पाउच में आने वाली खाद्य सामग्री सस्ती आती है और बहुत आकर्षित करती है इस लिए छोटे छोटे नवनिहालो बेहद लुभाती है इस लिए बच्चे ज्यादातर यह सामग्रियो का सेवन अधिक करते है लेकिन कब बनी हुई है कब तक इस सामग्री का सेवन किया जा सकता है यह जानकारी किसी को नही होती है क्यों कि व्यक्तिगत पेकिंग में यह सब जानकारी अंकित नही होती है और लोग इसका सेवन कर लेते है और बीमार हो जाते है। इसकी जांच के लिए शासन ने कल खाद्य विभाग को नियुक्त किया है लेकिन खाद्य विभाग इस ओर कोई ठोस कदम नही उठा रहा है।
खुला पास्ता और मेकरोनी की जांच नहीं…..……..
आमला के उपनगरीय बोडखी में खुला पास्ता और मेकरोनी आता है, लेकिन इसकी जांच नहीं की जाती है। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या यह सुरक्षित है? खुला पास्ता और मेकरोनी की जांच नहीं की जाती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है।
पेकेजिंग की जांच नहीं हो सकता स्वस्थ के साथ खिलवाड़………….
आमला के उपनगरीय बोडखी में पेकेजिंग की जांच नहीं की जाती है। पापड़ी, गड्डियां, कृतिम समोसे कचोड़ी मठरी चकली खुला आता है, लेकिन इसकी जांच नहीं की जाती है। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या यह सुरक्षित है? पेकेजिंग की जांच नहीं की जाती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है।
क़ुरक़ुरे, नमकीन, केक, बेसन के लड्डू रवे के लड्डू, सोनप्पड़ी की गाड़ियों की नही होती जांच
आमला के उपनगरीय बोडखी में क़ुरक़ुरे, नमकीन, केक, बेसन के लड्डू रवे के लड्डू, सोनप्पड़ी की पहुच गाड़ी की नहीं होती है। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या यह सुरक्षित है? क़ुरक़ुरे, नमकीन, केक, बेसन के लड्डू रवे के लड्डू, सोनप्पड़ी की पहुच गाड़ी की नहीं होती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है।
Author: Ibn 24 Bharat
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