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सट्टा कारोबार पर रोक की हवा, लेकिन शनिवार बाजार में खुलेआम चल रहा धंधा

सट्टा कारोबार पर रोक की हवा, लेकिन शनिवार बाजार में खुलेआम चल रहा धंधा

राजू चाय वाला आंगनवाड़ी केंद्र में काट रहा सट्टा पर्ची

आमला। शहर में सट्टा कारोबार पर रोक और पुलिस-प्रशासन की सख्ती की चर्चाओं के बीच शनिवार बाजार में स्थिति बिल्कुल उलटी दिखाई दे रही है। मटन मार्केट के पास स्थित आंगनवाड़ी केंद्र को सट्टा कारोबारियों ने अड्डा बना लिया है। यहां खुलेआम राजू चाय वाला नामक युवक ग्राहकों से पैसे लेकर पर्चियां काटता नजर आ रहा है।साथ ही रेलवे पटरी के पास एक दुकान में दिनभर यहां दर्जनों लोग जुटते हैं और शाम ढलते ही यह भीड़ और बढ़ जाती है। आंगनवाड़ी भवन बच्चों की देखरेख और पोषण का केंद्र होना चाहिए, लेकिन यहां जुआ-सट्टा का गढ़ बनना चिंता का विषय है। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई।

क्राइम रिपोर्टर की टीम ने किया खुलासा, मोबाइल से काटी जा रही सट्टा पर्ची

आज शनिवार को हमारे न्यूज के क्राइम रिपोर्टर टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में अवैध कारोबार पर नजर बनाए रखी। टीम ने प्रत्यक्ष रूप से देखा कि शनिवार बाजार की एक चाय की दुकान पर मोबाइल फोन के जरिए सट्टा पर्ची काटी जा रही थी। यह सब कुछ ग्राहकों के सामने खुलेआम हो रहा था, लेकिन किसी तरह की रोक-टोक नहीं थी। इतना ही नहीं, पुराने थाने के सामने के एक दुकानदार ने हमारी टीम को जानकारी दी कि कल और आज लगातार सट्टे का खेल चल रहा है और आगे भी इसकी जानकारी दी जाएगी। इससे साफ है कि सट्टा कारोबार सिर्फ छुपकर नहीं, बल्कि बेखौफ तरीके से हो रहा है।

लोगों ने की कार्रवाई की मांग, बोले- बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

आंगनवाड़ी भवन और शनिवार बाजार के बीच इस तरह खुलेआम सट्टा कारोबार होना केवल कानून की धज्जियां उड़ाना नहीं है, बल्कि समाज के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। जहां बच्चों को पोषण और शिक्षा की सुविधा मिलनी चाहिए, वहां सट्टा खलने वाले लोगो का खड़ा रहना  चिंता की बात है। आसपास के रहवासी खुलेआम चल रहे इस धंधे से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि पुलिस को रोजाना गश्त करनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो युवा पीढ़ी बर्बादी की राह पर जाती रहेगी। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो वे स्वयं आंदोलन कर इसका विरोध करेंगे।

Ibn 24 Bharat
Author: Ibn 24 Bharat

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