नल-जल योजना ठप, कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण ग्रामीणों का आक्रोश फूटा, सड़क पर चक्काजाम कर जमकर नारेबाजी
बैतूल । ब्लॉक की ग्राम पंचायत बोरकुंड के तहत मल्लोर में नल-जल योजना बंद होने से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। महिलाओं और पुरुषों ने सड़क पर उतरकर चक्काजाम कर दिया। “पानी दो, योजना चालू करो” और “सरकार होश में आओ” जैसे नारे लगातार गूंजते रहे। ग्रामीणों का कहना है कि रोज़मर्रा की जिंदगी पानी के बिना अस्त-व्यस्त हो चुकी है। घंटों तक सड़क पर बैठे आंदोलनकारियों ने यातायात रोककर प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द पानी की व्यवस्था नहीं हुई तो बड़ा जनआंदोलन खड़ा होगा। आक्रोशित महिलाओं ने खाली बर्तन लहराकर विरोध जताया। इस आंदोलन ने साबित कर दिया कि पानी के बिना गांव के हालात अब विस्फोटक मोड़ पर पहुंच चुके हैं।
कुएं में गिरा कोबरा, गंदे पानी से बीमारी और सर्पदंश का खतरा
ग्रामीणों ने बताया कि जिस कुएं से वे पानी ढोने को मजबूर हैं, उसमें हाल ही में एक बड़ा कोबरा सांप गिर चुका है। इस वजह से कुएं का पानी दूषित हो गया है, लेकिन नल-जल योजना ठप होने से उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा। महिलाएं कहती हैं कि बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ने लगी है। डॉक्टरों की चेतावनी के बावजूद ग्रामीण वही गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। कुएं में गिरे सांप और गंदगी के चलते सर्पदंश का डर हमेशा बना रहता है। हालात यह हैं कि ग्रामीण जानते हुए भी जहरीला पानी पी रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि उनके जीवन से खिलवाड़ है।
पीएचई विभाग की लापरवाही, सरपंच-सचिव और अफसरों पर गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि नल-जल योजना ठप होने के पीछे पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ पीएचई विभाग की भी गंभीर लापरवाही है। सरपंच और सचिव पर योजना की अनदेखी का आरोप लगाया गया है, वहीं जिम्मेदारी से बचने वाले पीएचई के कार्यपालन अभियंता (ईई), एसडीओ और उपयंत्री पर भी सवाल उठाए गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के अधिकारियों को बार-बार शिकायतें भेजी गईं लेकिन किसी ने मौके पर जाकर हालात देखने की जहमत नहीं उठाई। 181 पर शिकायत के बाद भी केवल आश्वासन दिया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि जब विभाग के जिम्मेदार अफसर ही लापरवाह हैं तो गरीब जनता का दर्द कौन सुनेगा।
ग्रामीणों की चेतावनी – आंदोलन और होगा तेज, जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई जरूरी
गांव के लोगों का कहना है कि यदि तुरंत नल-जल योजना शुरू नहीं की गई तो वे पीएचई कार्यालय का घेराव करेंगे और सामूहिक आंदोलन करेंगे। महिलाओं ने कहा कि वे घर के बच्चों को लेकर सड़क पर उतरेंगी ताकि अधिकारियों को उनकी पीड़ा का अंदाजा हो। ग्रामीणों ने मांग की है कि बोरकुंड पंचायत सहित सभी प्रभावित गांवों की नल-जल योजना तत्काल चालू की जाए और जिम्मेदार ईई, एसडीओ, उपयंत्री, सरपंच और सचिव पर सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो आने वाले दिनों में आंदोलन और भी बड़ा और उग्र होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी पीएचई विभाग और पंचायत पर होगी।
Author: Ibn 24 Bharat
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